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भारतीय संविधान / संविधान की प्रस्तावना (UPP) 2024

भारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानूनी दस्तावेज है, भारतीय संविधान / संविधान की प्रस्तावना (UPP) 2024 जो भारतीय गणतंत्र की संरचना, शासन की विधि, और नागरिकों के अधिकार और कर्तव्यों को परिभाषित करता है। इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया और यह दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधानों में से एक है। यहाँ भारत के संविधान के प्रमुख बिंदुओं का विवरण दिया गया है:

1. संविधान का निर्माण और महत्व

2. संविधान की संरचना

3. संविधान की विशेषताएँ

4. संविधान के प्रमुख हिस्से

5. संविधान की गतिशीलता और विकास

6. संविधान का उद्देश्य

भारत का संविधान एक जटिल और व्यापक दस्तावेज है जो भारत की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था को व्यवस्थित और सुचारू रूप से चलाने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है।

संविधान की प्रस्तावना

हम, भारत के लोग भारतीय संविधान / संविधान की प्रस्तावना (UPP) 2024, भारत को सपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न (सार्वभौमिक), समाजवादी, पंथ-निरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज दिनांक 26 नवंबर, 1949 ई. मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद् द्वारा इस विधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मर्पित करते हैं। भारतीय संविधान / संविधान की प्रस्तावना (UPP)

⇒ यह संविधान का प्रारम्भिक कथन है जो संविधान के कारणों तथा मागदर्शन मूल्यों को बताता है। इसे राजनैतिक कुंजी और राजनैतिक जन्मपत्री बताया गया है भारतीय संविधान / संविधान की प्रस्तावना (UPP) 2024

⇒ प्रस्तावना में संविधान के निर्माताओं के मनोभाव और आदर्श प्रतिबिम्बित होते है। मुख्य न्यायाधीश एम. हिदायतुल्ला और ठाकुर दास भार्गव ने प्रस्तावना को ‘ संविधान की आत्मा’ कहा है। भारतीय संविधान / संविधान की प्रस्तावना (UPP)


⇒ यह गैर न्यायिक है क्योंकि इसके प्रावधानों को न्यायालय में लागू नहीं कराया जा सकता है। यह संविधान के विशिष्ट प्रावधानों को रद्द नहीं कर सकता है। भारतीय संविधान / संविधान की प्रस्तावना (UPP)


⇒ प्रस्तावना से पता चलता है कि ‘ भारत का संविधान अपना अधिकार जनता से प्राप्त करता है’।

संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न-देश का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी है। भारत किसी अन्य देश पर निर्भर नहीं है।
समाजवादी-आर्थिक और सामाजिक समानता।

पंथनिरपेक्ष / धर्मनिरपेक्ष-देश में सभी धर्म समान है और उन्हें राज्य का समान समर्थन प्राप्त है। अर्थात राज्य का कोई धर्म नहीं है।

लोकतांत्रिक-सर्वोच्च शक्ति जनता के पास होती है। भारतीय संविधान / संविधान की प्रस्तावना (UPP)
गणतंत्र-राष्ट्रअध्यक्ष प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है। /
} प्रस्तावना में केवल एक बार -42 वें संविधान संशोधन, 1976 के द्वारा-संशोधन किया गया है। इस संशोधन द्वारा तीन वाक्यों को जोड़ा गया है-
पंथनिरपेक्षता /धर्म-निरपेक्षता, समाजवाद एवं अखण्ड़ता।

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